सैया अब तो भरा दो रजाई, बड़ी सुहावन ठंडी आई। सैया अब तो भरा दो रजाई, बड़ी सुहावन ठंडी आई।
उपवन सजे हैं रंग - बिरंगे, रंग - बिरंगे ऊनी कपड़े। उपवन सजे हैं रंग - बिरंगे, रंग - बिरंगे ऊनी कपड़े।
आज शरद ऋतु का चाँद उतर आया है मेरें आँगन में। आज शरद ऋतु का चाँद उतर आया है मेरें आँगन में।
पवन शरद ऋतु आई। देखो,कैसी खिलरई जुन्हाई। पवन शरद ऋतु आई। देखो,कैसी खिलरई जुन्हाई।
सब मिलकर के दीये जलाओं, मां को खूब मनाओ।। सब मिलकर के दीये जलाओं, मां को खूब मनाओ।।
हिम सीकरों से भीग गई, धरती रानी। शरद ऋतु आ गई, रात सुहानी। हिम सीकरों से भीग गई, धरती रानी। शरद ऋतु आ गई, रात सुहानी।